Auto Ricksha Drivers
मैं ममता अहिरवार, मैं एक अध्यापिका हूँ और लिखना मेरी रूचि है |ये मेरा पहला ब्लॉग है |हो सकता है मेरा ब्लॉग उच्च स्तर का ना हो मगर उम्मीद करती हूँ आप लोगो को पसंद आएगा और आने वाले ब्लॉग में आप लोगो के स्नेह और आर्शीवाद से ब्लॉग का स्तर बढ़ता जायेगा |
आज मैं अपने ब्लॉग में अत्यंत साधारण किन्तु एक संवेदनशील विषय पर लिखने जा रही हूँ | विषय है " ऑटो रिक्शा ड्राइवर " जी हाँ आपने सही सुना ऑटो रिक्शा ड्राइवर खासतौर पर मैं उनकी बात कर रही हूँ जो की देर रात के समय महिलाओं को सही सलामत घर तक सुरक्षित पहुँचाते हैं | कई बार ऐसा होता है की महिलाओं को घर से बाहर जाना पड़ता है और लौटते वक्त लेट हो जाती है ऐसे में घर पहुँचना उनके लिए बहुत बड़ी समस्या बन जाती है | देर रात के समय में अगर महिलाओ को घर सुरक्षित पहुँचा दिया जाए तो उनके लिये ये बहुत बड़ी बात होती है |क्योंकि जरूरी नहीं है कि सभी के घरों में उस समय महिलाओं को लेने जाने के लिए पुरुष उपस्थित हों इसलिए ऑटो ही एक विकल्प बचता है |
ये विचार मेरे मन में तब आया जब मैं और मेरे साथ की 2 महिलाऐ विधानसभा चुनाव की ड्यूटी पूर्ण करके रात के 2:30 बजे घर पहुँचने के लिऐ निकले,उस समय घर पहुँचना एक बहुत बड़ी समस्या लग रही थी, हालांकि हमें वहाँ से एक बस की सुविधा दी गई थी परन्तु उस बस ने हमें घर तक नहीं छोड़ा |बस ने हमें नजदीक के बस स्टॉप पर छोड़ दिया जहाँ से हमारे घर की दूरी 18 कि. मी.थी| हम तीनो भयभीत और डरे हुए बस स्टॉप पर खड़े हुए थे काफी जद्दो जहद के बाद हमने एक ऑटो किया, उस समय रात के लगभग 3 बजे बज चुके थे| हम तीनों ऑटो में बैठ गई,लेकिन भय पहले से ज्यादा था क्योंकि 18 कि. मी. जाना था और रास्ता सुनसान था 18 कि. मी. दूरी हमे उस समय 800 कि. मी. लग रही थी |उसने शायद हमारी मन: स्थिती समझ ली थी |तो उसने कहा मैडम आप डरे नहीं मैं आपको सकुशल घर पहुँचा दूँगा उसकी ये बात सुनकर मानो हमारी जान में जान आ गई हम तीनो का डर आधा हो गया और हम तीनों ने राहत की साँस ली और उसने कहे अनुसार हमें सकुशल घर तक पहुँचा भी दिया |
न्यूज़ चैनल्स और पेपर में आने वाली खबरों में महिलाओ के साथ हुए घटनाओ के कारण हमारी सोच ऑटो रिक्शा ड्राइवर और टैक्सी ड्राइवर को ले कर बहुत ही ख़राब हो चुकी है मगर हमारे देश में लाखो ऑटो रिक्शा ड्राइवर है जो अपना काम पूरी ईमानदारी से करते है और हम जैसी परेशानियों मे पड़ी महिलाओ को उनके घरों तक सकुशल पहुँचाने का महान काम करते है |
इस तरह के लोगों के लिये हमारे मन में सम्मान की भावना आ जाती है जो महिलाओ को देर रात सही सलामत उनके घरों तक पहुँचाते हैं और मुझे लगता है की ऐसे लोगों का हमें सम्मान करना चाहिए, जिससे वो अपने शहर की महिलाओं की सुरक्षा के प्रति जागरूक हो सकें |हमारे शहर की पुलिस के द्वारा उनको सम्मानित करना चाहिए ताकी अन्य ड्राइवर भी इससे प्रेरित हों और अपना काम ईमानदारी से करें और खुद को सम्मानित महसूस करें|इससे इनमें मानवता की भावना का विकास होगा और शायद हमारे समाज में महिला अपराध मे 1% की कमी भी हो तो ,यह बड़ी बात होगी और महिलाये खुद को सुरक्षित महसूस करेंगी अपने शहर में और ऑटो ड्राइवर भी खुद को एक जिम्मेदार नागरिक समझेगें |
सारा फर्क बस सोच का है |हमें उनको भी ये एहसास दिलाना होगा कि वो भी इस समाज में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं |उन अच्छे लोगों के साथ हमारे शहर की पुलिस खड़ी है क्योंकि हर व्यक्ति सम्मान का भूखा होता है |जिस तरह कोई हमारे किसी काम की प्रशंसा कर दे तो हम खुश होते हैं उसी प्रकार हर व्यक्ति खुश होता है और पहले से अच्छा बनने का प्रयास करता है |
सारा फर्क बस सोच का है |हमें उनको भी ये एहसास दिलाना होगा कि वो भी इस समाज में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं |उन अच्छे लोगों के साथ हमारे शहर की पुलिस खड़ी है क्योंकि हर व्यक्ति सम्मान का भूखा होता है |जिस तरह कोई हमारे किसी काम की प्रशंसा कर दे तो हम खुश होते हैं उसी प्रकार हर व्यक्ति खुश होता है और पहले से अच्छा बनने का प्रयास करता है |
आपको मेरा ये विचार कैसा लगा कमेंट करके मुझे जरूर बताऐ
Awesome blog...
ReplyDelete